धारा 506 क्या है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देता है या उसकी किसी सम्पत्ति को आग लगा कर नष्ट करने की धमकी देता है अथवा किसी महिला के चरित्र व सम्मान को दोष देकर आरोप लगाता है तो इस तरह की धमकी आपराधिक धमकी कहलाती है।
धारा 506 में सजा कितनी होती है।
आईपीसी की धारा 506 के अनुसार जिस भी व्यक्ति पर यह मुकदमा दर्ज होता है, तो इस में सजा का दो तरह से प्रावधान है चलिए मैं आपको दोनों के बारे में विस्तार से बताते है।
सरल तरीके से धमकी देने पर, अगर आरोपी किसी व्यक्ति को मारने की या किसी और तरह के नुकसान की बस धमकी देता है तो ऐसे केस में आरोपी को दोषी पाये जाने पर 2 वर्ष तक की कारावास की सजा व जुर्माना लगाया जा सकता है।
गंभीर परिणाम या चोट पहुचाने पर,लेकिन अगर आरोपी किसी व्यक्ति को धमकी के साथ-साथ किसी प्रकार का गंभीर नुकसान या कोई चोट पहुंचाता है या उसकी किसी प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाता है तो दोषी पाए जाने पर 7 वर्ष तक के कारावास की सजा व आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से भी दंडित किया जा सकता है।
IPC 506 में जमानत (Bail) कैसे मिलती है।
आईपीसी की धारा 506 एक गैर-संज्ञीय श्रेणी के तहत आने वाला अपराध है। जिसमें आरोपी को जमानत मिल जाती है यह केस किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है। इस में किसी अनुभवी वकील की सहायता से आपको आसानी से जमानत मिल जाती है। अगर आरोपी व्यक्ति और पीड़ित पक्ष के बीच आपसी सहमति से समझौता हो जाता है, तो आरोपी व्यक्ति से IPC 506 का मुकदमा खत्म भी हो सकता है।
धारा 506 से बचाव के लिए जरुरी बातें।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 “आपराधिक धमकी” से संबंधित है, जो किसी व्यक्ति को जान-माल या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने पर लगती है। अगर आप पर धारा 506 के तहत मामला दर्ज हो, तो इससे बचाव के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए
धमकी का कोई साक्ष्य नहीं होना अगर धमकी देने का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण (जैसे वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग, गवाह, आदि) नहीं है, तो इसे चुनौती दी जा सकती है। शिकायतकर्ता द्वारा दी गई धमकी के सबूतों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जा सकता है।