What is family law?
जैसा कि नाम से पता चलता है, तलाक, विवाह, रखरखाव आदि जैसे पारिवारिक मुद्दों के गवर्नेंस को शामिल करने वाले कानूनों का एक समूह है।
परिवार कानून में विशेषज्ञताऐं हैं जैसे – विवाह, तलाक, गोद लेना, उत्तराधिकार आदि।
पारिवारिक कानून का अभ्यास करने वाले वकील अपने क्लाइंट्स का बातचीत- नेगोशिएशन्स से संबंधित अदालती कार्यवाही में प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
पारिवारिक वकील संपत्ति समझौतों जैसे कानूनी दस्तावेजों का ड्राफ्ट तैयार करने में भी शामिल होते हैं।
पारिवारिक कानूनों को संविधान में परिभाषित किया गया है लेकिन राज्यों को कुछ हद तक कानूनों को फिर से परिभाषित करने का अधिकार है।
पारिवारिक कानून कितने प्रकार के होते हैं?
भारत में परिवार कानूनों के प्रकार(Types of What is family law in India) हैं – हिंदू कानून (Hindu law), मुस्लिम कानून (Mushlim Law), ईसाई कानून और पारसी कानून ।
हिंदू कानून भारत में सबसे पुराना और सबसे प्रचलित पारिवारिक कानून है।
परिवारिक कानून का दुरूपयोग।
आज के समय में परिवारिक कानून का दुरूपयोग का बाढ़ न्यायालयों में देखने को मिलता है।
लोग इससे परेशान होकर आत्महत्या तक कर रहे है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि झूठे आरोप लगाना और पुलिस कार्रवाई और आपराधिक मुकदमे की लगातार धमकियां देना
मानसिक क्रूरता है और यह तलाक का आधार है।
किन्तु यह समुचित उपाय नहीं है।
परिवारिक कानून के झूठे आरोप से बचने के उपाय।
जब आपपर झूठे आरोप (false allegations) लग जाए तो घबराएं नहीं घबराने से आपके दुश्मन का होंसला बढ़ता है।
केश का डटकर मुकाबला करें। इसके लिए सबसे पहले एक योग्य और अनुभवी अधिवक्ता से अपना मामला शेयर करें।
अनुभवी अधिवक्ता (experienced lawyer) आपको झूठे आरोप से बच कर निकलने का 70 प्रतिशत राश्ता निकाल देता है।
बाँकी के काम आपके द्वारा लाए गए सबूत करता है। इसलिए एक योग्य और अनुभवी अधिवक्ता आवश्यक है।